‘हठ छोड़ें, संयम अपनाएँ’ – इस वाक्य से क्या अर्थ प्रकट होता है?
हम लोग कभी हठ ना करना और संयम से रहना। देश के लिए, देश के जनता के लिए और देश की प्रगति के लिए श्रम करना, प्राण को त्याग करना चाहिए।