गाँधीजी पर नाटकों का क्या प्रभाव पड़ा?
गाँधीजी पर श्रवण पितृभक्ति नाटक, हरिश्चंद्र नाटक, बचपन के उस सत्य-प्रेम ने ही आगे उन्हें सत्य-तपस्वी बनाया।