गद्यांश पढ़कर उत्तर लिखिए :
सावन की पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संदर त्योहार ‘रक्षा-बंधन’ का आगमन होता है। भारत में इस पवित्र त्योहार का विशेष महत्व है। यह वर्षा ऋतु का सूचक बनकर आता है। ‘रक्षा-बन्धन’ अर्थात् रक्षा का बन्धन। इन दो शब्दों में केवल भाई-बहन के पवित्र स्नेह का ही बन्धन नहीं बल्कि दो आत्माओं, दो हदयों और दो प्राणों की एक दूसरे के प्रति घनिष्ठता की भावना है। ‘रक्षा बन्धन’ देश के कोनेकोने में मनाया जाता है। सारी बहनें इस त्योहार की साल भर प्रतीक्षा करती रहती हैं। वे अपने हाथों से भाइयों को राखी बाँधकर मिठाई खिलाती हैं। इसी आनन्द और हँसी-खुशी के साथ यह त्योहार संपन्न होता है।
‘रक्षा-बंधन’ त्योहार को किस अवसर पर मनाया जाता है?
‘रक्षा-बंधन’ त्योहार के लिए साल भर कौन प्रतीक्षा करती रहती हैं ?
‘रक्षा-बंधन’ त्योहार कैसे संपन्न होता है?