इस पाठ से हम मुसिबत के समय समझादारी के बारे में सीख सकते है। राजू चौथी कक्षा में पढता था। वह समझ्दार और बहादूर लडका है। उसके खेत के पास से रेल की पटरी गुजरती थी। एक दिन वह घर लौट रह था। तभी ऊसकी नजर रक दटी हई पटरी पर पड़ी। वह घबरा गय।
वह ईधर उधर देखा कोई दिखाई नहीं पडा। तभी एक ट्रेन आ रहा था। उसको एक उपाय सूक्षआ उसने अपनी लाल कमीज उतारी और लकडी के सारे जोर जोर से हिलाने लगा। ट्रेन रुक गई सारे यात्री बाहर आए और धन्यवाद दिया। गणतंत्र दिवस को राजू को उसके पाठशाला मे उसे उस्की वीरता के लिए पुरस्कार दिया गया।