+2 votes
in General by kratos

बोल ऊठी बिटिया कविता का सारांश लिखिए ।

1 Answer

+1 vote
by kratos
 
Best answer

“सुभद्राकुमारी चौहान” शैराव के विविध चित्र बहुत सहज शैली में व्यक्त करनेवाली कवियित्री हैं। इस कविता में बिटिया की बोली का और मिट्टी खाने के प्रसंग का वर्णन है। माँ- बेटी का मधुर वात्सल्य का चित्रण इस में निहित है।

कवियित्री कहती है कि – “मैं बचपन को बुला रही थी, तब मेरी बिटिया बोल उठी।” तब मेरी कुटिया (घर) नंदनवन जैसी आनंद से भर गयी।

मेरी बेटी मुझे,”माँ आओ” कहकर बुला रही थी। वह मि ी खाकर, हाथ में भी लाभी थी। और मुझे उस मिी को दिखाने लगी। – उस्की आँखों के कुतुहल छलक रही थी। उसका अंग आनंद से पुलकित हो रहा था। मुँह पर लालिमा और विजय गर्व से वह झलक रही।।

मैंने सहज रुप से बेटी से पूछा – “यह क्या लायी “? बोल उठी वह माँ खाओ”। तब मेरा हृदय खुशी से प्रकुलित ही उठी और कहने लगी तुम्ही खाओ।

...