लेखक ने संसार में किस प्रकार के सुख को दुर्लभ माना है?
लेखक ने संसार में अखाड़े की मिट्टी में लेटने, मलने के सुख को दुर्लभ माना है क्योंकि यह मिट्टी तेल और मट्ठे से सिझाई जाती है। इससे देवता पर भी चढ़ाया जाता है।