(क) जब लेखक ने अतिथि को देखा था तब उन्हें लगा उनका खर्च बढ जायेगा इसलिए उनका बटुआ काँप गया यानी अत्यधिक खर्चे होने का एहसास हुआ।
(ख) हमारी संस्कृति में अतिथि को देवता समान माना गया है। परन्तु यही अतिथि जब ज्यादा दिन रह जाए तो वह बोझ लगने लगता और थोड़े अंशो में राक्षस प्रतीत होता है।
(ग) हर व्यक्ति अपने घर को सजाता है, सुख शान्ति स्थापित करता है। अपने घर को स्वीट होम बनाता है। लेकिंग जब कोई अनचाहा व्यक्ति आकर रहने लगता है तो वह स्वीटनेस को काटने दौड़ने जैसा लगता है।
(घ) अतिथि लेखक के घर पर चार दिनों से रह रहा था। कल पाँचवा दिन हो जाएगा। यदि कल भी अतिथि नहीं गया तो लेखक अपनी सहनशीलता खो बैठेगा और अतिथि सत्कार भूलकर गेट आउट बोलने में देर नही लगाएगा।
(ड़ ) हम अतिथि को देवता मानते हैं इसलिए लेखक अपने अतिथि को बताना चाह रहा कि देवता और मनुष्य कभी एक साथ हैं। आप कृपा कर हमारे कर हमारे घर से प्रस्थान करें।