निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
रामन् सरकारी नौकरी की सुख-सुविधाओं को छोड़ सन् 1917 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की नौकरी में आ गए। उनके लिए सरस्वती की साधना सरकारी सुख-सुविधाओं से कहीं अधिक महत्वपूर्ण थी। कलकत्ता विश्विद्यालय की शैक्षणिक माहौल में वे अपना पूरा समय अध्यन, अध्यापन और शोध में बिताने लगे। चार साल बाद यानी सन् 1921 में समुद्र-यात्रा के दौरान जब रामन् के मस्तिष्क में समुद्र के नीले रंग की वजह का सवाल हिलोरें लेने लगा, तो उन्होंने आगे इस दिशा में प्रयोग किए, जिसकी परिणति रामन् प्रभाव के की खोज के रूप में हुई।
(क) रामन् कब कलकत्ता विश्वविद्यालय की नौकरी में आ गए?
(ख) वे कलकत्ता विश्वविद्यालय में किस तरह समय बिताने लगे?
(ग) कौन-सी बात रामन् प्रभाव के की खोज के रूप में सामने आई?