निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
देश के सभी शहरों का यही हाल है। उबल पड़ने वाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बुझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुट जाता है। यथार्थ दोष है, कुछ चलते-पुरज़े, पढ़े लिखे लोगों का, जो मूर्ख लोगों की शक्तियों का और उत्साह का दुरूपयोग इसलिए कर रहे हैं कि इस प्रकार, जाहिलों के आधार पर उनका नेतृत्व और बड़प्पन कायम रहे। इसके लिए धर्म और ईमान की बुराइयों से काम लेना उन्हें सबसे सुगम मालुम पड़ता है। सुगम है भी।
(क) कौन किसका दुरूपयोग कर रहा है और क्यों?
(ख) साधारण आदमी का क्या दोष है?
(ग) चलते-पुरज़े किन्हें कहा गया है और वे क्या करते हैं?