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in Class 10 by kratos

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -

देश की स्वाधीनता के लिए जो उद्योग किया जा रहा था, उसका वह दिन निःसंदेह, बुरा था, जिस दिन स्वाधीनता के क्षेत्र में ख़िलाफ़त, मुल्ला, मौलवियों और धर्माचार्यों को स्थान दिया जाना आवश्यक समझा गया। एक प्रकार से उस दिन हमने स्वाधीनता के क्षेत्र में, एक कदम पीछे हटकर रखा था। अपने उसी पाप का फल आज हमें भोगना पड़ रहा है। देश को स्वाधीनता के संग्राम ही ने मौलना अब्दुल बारी और शंकराचार्य को देश के सामने दूसरे रूप में पेश किया, उन्हें अधिक शक्तिशाली बना दिया और हमारे इस काम का फल यह हुआ कि इस समय, हमारे हाथों से ही बढ़ाई इनकी और इनके से लोगों की शक्तियाँ हमारी जड़ उखाड़ने और देश में मज़हबी पागलपन, प्रपंच और उत्पात का राज्य स्थापित कर रही हैं।

(क) देश की स्वाधीनता का कौन सा दिन सबसे बुरा था?

(ख) हमने कब स्वाधीनता के क्षेत्र में एक कदम पीछे हटकर रखा और क्यों?

(ग) हमारे मज़हबी कार्य का फल क्या हुआ?

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by kratos
 
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(क) देश की स्वाधीनता का वह दिन सबसे बुरा था जिस दिन स्वाधीनता के क्षेत्र में ख़िलाफ़त, मुल्ला, मौलवियों और धर्माचार्यों को स्थान दिया गया।

(ख) स्वाधीनता के क्षेत्र में हमने धर्म को स्थान देकर एक कदम पीछे हटकर रखा क्योंकि हमने मज़हब को स्थान दिया जिससे टकराव की स्थिति और बढ़ गयी।

(ग) हमारे मज़हबी कार्यों का फल यह हुआ कि हमारे द्वारा बढ़ाई गई मुल्ला-मौलवियों और धर्माचार्यों की शक्ति हमारी जड़ें उखाड़ने, मज़हबी पागलपन, प्रपंच और उत्पात का राज्य स्थापित कर रही हैं।

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