निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए −
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
कवि इस पंक्ति द्वारा बता रहा है की प्रेम का धागा एक बार टूट जाने पर फिर से जुड़ना कठिन होता है। अगर जुड़ भी जाए तो पहले जैसा प्रेम नही रह जाता। एक-दूसरे के प्रति अविश्वास और शंका होती रहती है।