निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए −
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
कवि का कहना है कि अपने दुखों को किसी को बताना नही चाहिए। दूसरे लोग सहायता नही करेंगे और उसका मजाक भी उड़ायेंगे।