भावार्थ लिखे |
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।।
अर्थ - रहीम के अनुसार हमें बड़ी वस्तु को देख कर छोटी वस्तु अनादर नहीं करना चाहिए, उनकी भी अपना महत्व होता। जैसे छोटी सी सुई का काम बड़ा तलवार नही कर सकता।