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in Class 9 by kratos

भावार्थ लिखे |

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।

बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सकै बचाय।।

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by kratos
 
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अर्थ - रहीम कहते हैं कि संकट की स्थिति में मनुष्य की निजी धन-दौलत ही उसकी सहायता करती है।जिस प्रकार पानी का अभाव होने पर सूर्य कमल की कितनी ही रक्षा करने की कोशिश करे, फिर भी उसे बचाया नहीं जा सकता, उसी प्रकार मनुष्य को बाहरी सहायता कितनी ही क्यों न मिले, किंतु उसकी वास्तविक रक्षक तो निजी संपत्ति ही होती है।

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