'आदमी नामा' शीर्षक कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में यह धारणा बनती है कि मुनष्य की अनेक प्रवृतियां है। कोई व्यक्ति धनवान है तो किसी के पास खाने को कुछ नहीं है। कुछ लोग दूसरों की मदद करके खुश होते हैं तो कुछ दूसरों को अपमानित करके। कोई व्यक्ति शरीफ है तो कोई दुष्ट। अतः मनुष्य भाग्य और परिस्थतियों का दास होता है।