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in Class 9 by kratos

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए −

पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी

चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी

और सुन के दौड़ता है सो है वो भी आदमी

1 Answer

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by kratos
 
Best answer

इन पंक्तियों में मनुष्यों के भिन्न रूपों पर व्यंग्य किया गया है। कोई आदमी दूसरों का अपमानित कर खुशी महसूस करता है तो मदद को पुकारने वाला भी आदमी ही होता है। उसकी पुकार को सुनकर मदद करने वाला भी आदमी होता है। यानी परिस्थति बदलने पर आदमी का स्वरुप भी बदल जाता है।

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